क्या आप प्रेग्नेंट (Pregnant) होने की कोशिश कर रही हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे? आप अकेली नहीं हैं — CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, अमेरिका में 15–49 वर्ष की हर 5 में से 1 विवाहित महिला एक साल की कोशिश के बाद भी इन्फर्टिलिटी (Infertility) से जूझती है। अगर आप बार-बार डायग्नोसिस (Diagnosis) बदलने या “आराम करो” जैसे सुझावों से थक चुकी हैं, तो अब सही जवाब ढूंढने का समय है।
यह गाइड लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) को आसान भाषा में समझाता है — यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है जो आपके डॉक्टर (Doctor) को आपके शरीर के अंदर देखने में मदद करता है। डायग्नोसिस (Diagnosis) से लेकर रिकवरी (Recovery) तक — और मेटा एनालिसिस (Meta Analysis) के निष्कर्षों सहित — यहां सब कुछ बताया गया है जो आपको जानना चाहिए, बिना जटिल मेडिकल भाषा के।
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) क्या है और किसे ज़रूरत होती है?

लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है। यह आपके डॉक्टर (Doctor) को एक स्मॉल कैमरा (Small Camera) की मदद से निचले पेट (Lower Belly) के अंदर देखने में मदद करता है। यह टेस्ट ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes), स्कार टिश्यू (Scar Tissue), ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) या एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) जैसी समस्याओं की पहचान करता है — जो प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में बाधा डाल सकती हैं।
आपको इसकी ज़रूरत तब पड़ सकती है अगर:
- अन्य फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) से समस्या का पता नहीं चलता
- आपको पेल्विक पेन (Pelvic Pain) या अनियमित पीरियड्स हैं
- आपके डॉक्टर (Doctor) को संदेह है कि इन्फर्टिलिटी (Infertility) किसी असामान्य पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy) के कारण है
लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) को इन्फर्टिलिटी डायग्नोसिस (Infertility Diagnosis) और ट्रीटमेंट (Treatment) के लिए सबसे प्रभावी तरीकों में से एक माना जाता है, खासकर जब बाकी टेस्ट समस्या नहीं दिखा पाते।
“लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) की पहचान के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड (Gold Standard) है,” — अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स (American College of Obstetricians and Gynecologists)।
यह एक सुरक्षित, उपयोगी और सफल प्रेग्नेंसी आउटकम्स (Pregnancy Outcomes) को सुधारने वाली प्रक्रिया है।
फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests): लैप्रोस्कोपी से पहले का पहला कदम
लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) से पहले, ज़्यादातर फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट्स (Fertility Specialists) गैर-इनवेसिव टेस्ट्स करते हैं ताकि समझ सकें कि कंसेप्शन (Conception) अब तक क्यों नहीं हुआ। ये फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) पुरुष और महिला दोनों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ (Reproductive Health) के बारे में अहम जानकारी देते हैं और ट्रीटमेंट (Treatment) का अगला कदम तय करने में मदद करते हैं।
लैप्रोस्कोपी से पहले, आपका डॉक्टर (Doctor) कुछ फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) दोबारा कर सकता है ताकि हॉर्मोन बैलेंस (Hormone Balance), एग हेल्थ (Egg Health) और ट्यूब फंक्शन (Tube Function) की पुष्टि हो सके।
- ब्लड टेस्ट्स फॉर हॉर्मोन्स (Blood Tests for Hormones): डॉक्टर FSH (फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन), LH (ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन), AMH (एंटी-म्यूलरियन हॉर्मोन), प्रोलैक्टिन (Prolactin) और थायरॉइड हॉर्मोन्स (Thyroid Hormones) की जांच कर सकते हैं। ये बताते हैं कि ओव्यूलेशन (Ovulation) नियमित है या नहीं और एग रिज़र्व्स कितने स्वस्थ हैं।
- अल्ट्रासाउंड और फॉलिक्युलर स्टडी (Ultrasound and Follicular Study): एक पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound) गर्भाशय (Uterus), ओवरीज़ (Ovaries), और फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) को दिखाता है। यह सिस्ट्स (Cysts), फाइब्रॉइड्स (Fibroids) या पॉलीसिस्टिक ओवरीज़ (Polycystic Ovaries) जैसी स्थितियों का पता लगाता है जो फर्टिलिटी (Fertility) को प्रभावित कर सकती हैं।
फॉलिक्युलर ट्रैकिंग (Follicular Tracking) से यह पता चलता है कि ओव्यूलेशन (Ovulation) कब होता है। - हिस्ट्रोसल्पिंगोग्राफी (Hysterosalpingography - HSG): यह एक्स-रे बेस्ड टेस्ट (X-ray based test) है जो यह जांचता है कि फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) खुली हैं या ब्लॉक। इसमें एक डाई सर्विक्स (Cervix) के ज़रिए डाली जाती है। यह जल्दी से यह बताता है कि कोई फिजिकल रुकावट तो नहीं जो स्पर्म (Sperm) और एग (Egg) को मिलने से रोक रही हो।
- सीमेन एनालिसिस फॉर मेन (Semen Analysis for Men): पुरुषों के लिए यह टेस्ट स्पर्म काउंट (Sperm Count), आकार (Shape), और गति (Movement) की जांच करता है। यह एक आसान लेकिन बहुत ज़रूरी टेस्ट है क्योंकि मेल फैक्टर्स (Male Factors) लगभग 40–50% इन्फर्टिलिटी (Infertility) मामलों में शामिल होते हैं।
ये फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) कई बार इन्फर्टिलिटी (Infertility) के असली कारणों — जैसे हॉर्मोनल इंबैलेंस (Hormonal Imbalance) या ट्यूबल ब्लॉकेज (Tubal Blockage) — को बिना सर्जरी के ही पहचान सकते हैं।लेकिन जब कारण स्पष्ट नहीं होता या और गहराई से जांच की ज़रूरत होती है, तब लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) अगला सबसे बेहतर डायग्नोस्टिक ऑप्शन (Diagnostic Option) बन जाता है।
फर्टिलिटी (Fertility) समस्याओं में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) कब सुझाई जाती है?
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) तब की जाती है जब आम फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) यह नहीं बता पाते कि गर्भधारण (Pregnancy) क्यों नहीं हो रहा है। डॉक्टर इसे तब सलाह देते हैं जब उन्हें पेट के अंदर कोई ऐसी समस्या का संदेह होता है जो अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) से दिखाई नहीं देती।
आपको इसकी ज़रूरत तब पड़ सकती है अगर:
- आपको पेल्विक पेन (Pelvic Pain), स्कार टिश्यू (Scar Tissue) या इन्फेक्शन (Infection) का इतिहास है।
- आपको ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes), एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) या ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) हो सकते हैं।
- आपका डॉक्टर (Doctor) आपकी पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy), रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs) या यूटराइन कैविटी (Uterine Cavity) को जांचना चाहता है।
“लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) इन्फर्टिलिटी (Infertility) के इलाज में मदद करती है, क्योंकि यह सटीक डायग्नोसिस (Diagnosis) देती है और दर्द भी कम होता है,” — डॉ. अंशु अग्रवाल, इन्फर्टिलिटी एक्सपर्ट (Infertility Expert)।
यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है, जो न केवल जवाब देती है बल्कि कई बार समाधान भी।
स्टेप-बाय-स्टेप: लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) प्रोसीजर कैसे काम करता है

1. प्री-प्रोसीजर प्रिपरेशन (Pre-Procedure Preparation)
प्रोसीजर से पहले आप अपने सर्जन (Surgeon) और मेडिकल टीम से मिलेंगी। वे आपसे आपके पिछले सर्जरीज़ (Surgeries), सेहत की स्थिति और फर्टिलिटी हिस्ट्री (Fertility History) के बारे में सवाल पूछेंगे।
- कुछ ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests) और शायद अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) की जरूरत होगी ताकि यूटरस (Uterus) और ओवरीज़ (Ovaries) की जांच हो सके।
- आपका डॉक्टर (Doctor) पुराने फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) को देखकर यह तय करेगा कि अंदर क्या देखना है।
- आपको जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) दिया जाएगा — यानी आप सर्जरी के दौरान सो जाएंगी और दर्द महसूस नहीं होगा।
- यह अक्सर आउटपेशेंट प्रोसीजर (Outpatient Procedure) के रूप में किया जाता है, और ज़्यादातर मरीज उसी दिन घर लौट जाते हैं।
“लैप्रोस्कोपी हमें ऐसी समस्याएं दिखाती है जो सामान्य इमेजिंग (Imaging) से नहीं दिखती — जैसे एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या ट्यूबल ब्लॉक्स (Tubal Blocks),” — डॉ. अंशु अग्रवाल, इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (Infertility Specialist)।
2. छोटे चीरे लगाए जाते हैं (Small Incisions Are Made)
जब आप एनेस्थीसिया में सो जाती हैं, तो सर्जन (Surgeon) आपके बेली बटन (Belly Button) और लोअर एब्डॉमेन (Lower Abdomen) के पास छोटे चीरे लगाते हैं।
- इन में से एक चीरे से स्मॉल कैमरा (Small Camera) डाला जाता है ताकि रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs) — जैसे फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes), ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) और यूटराइन कैविटी (Uterine Cavity) — को देखा जा सके।
- अगर ट्रीटमेंट (Treatment) की जरूरत हो, तो अन्य छोटे चीरे से और उपकरण (इंस्ट्रूमेंट्स - Instruments) डाले जाते हैं।
- इस दौरान डॉक्टर बहुत सावधानी से इंस्ट्रूमेंट्स (Instruments) को डालते हैं ताकि किसी ऑर्गन को नुकसान न हो।
क्योंकि यह एक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) है, इसलिए निशान बहुत छोटे होते हैं और हीलिंग (Healing) तेज़ होती है।
हालांकि बहुत कम मामलों में, एब्डॉमिनल (Abdominal) या पेल्विक ऑर्गन्स (Pelvic Organs) को सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स (Surgical Instruments) से हल्का नुकसान हो सकता है।
3. कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) से पेट को फुलाया जाता है
एब्डॉमिनल ऑर्गन्स (Abdominal Organs) को साफ देखने के लिए डॉक्टर कार्बन डाइऑक्साइड गैस (Carbon Dioxide Gas) पेट की दीवार में भरते हैं।
- यह गैस ऑर्गन्स को थोड़ा ऊपर उठा देती है, जिससे सर्जन (Surgeon) को काम करने की जगह मिलती है।
- इससे पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy) का बेहतर व्यू मिलता है और डायग्नोसिस (Diagnosis) सटीक होता है — जैसे पेल्विक पेन (Pelvic Pain), एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या पेल्विक एडहेशंस (Pelvic Adhesions) की पहचान।
- जांच या इलाज के बाद गैस बाहर निकाल दी जाती है और चीरे बंद कर दिए जाते हैं।
4. लैप्रोस्कोप (Laparoscope) का इंसर्शन (Insertion)
पेट में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) भरने के बाद, सर्जन (Surgeon) एक लैप्रोस्कोप (Laparoscope) — यानी पतली ट्यूब जिसमें एक स्मॉल कैमरा (Small Camera) होता है — को बेली बटन (Belly Button) के पास से डालते हैं।
- यह कैमरा स्क्रीन पर आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs) — जैसे फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes), ओवरीज़ (Ovaries), यूटरस (Uterus) और एब्डॉमिनल ऑर्गन्स (Abdominal Organs) — की लाइव इमेज दिखाता है।
- इससे पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy) का स्पष्ट दृश्य मिलता है और डॉक्टर को वो समस्याएं मिल जाती हैं जो कंसेप्शन (Conception) में रुकावट डाल रही थीं।
यह स्टेप सटीक डायग्नोसिस (Accurate Diagnosis) के लिए बहुत जरूरी होता है — जैसे स्कार टिश्यू (Scar Tissue), एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) या ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes)।
“लैप्रोस्कोप (Laparoscope) हमें किसी भी स्कैन से ज़्यादा दिखाता है। यह तेज़, सटीक और अक्सर ज़िंदगी बदल देने वाला होता है,” — डॉ. अंशु अग्रवाल, फर्टिलिटी सर्जन (Fertility Surgeon) जिनका अनुभव 20+ वर्षों का है।
5. इंस्पेक्शन और/या ट्रीटमेंट (Inspection and/or Treatment)
जांच के दौरान, अगर डॉक्टर को कोई समस्या दिखे जिसे तुरंत ठीक किया जा सके, तो वे उसी समय सर्जिकल ट्रीटमेंट (Surgical Treatment) भी कर सकते हैं।
- आम ट्रीटमेंट्स में ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) को हटाना, पेल्विक एडहेशंस (Pelvic Adhesions) को साफ करना, या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का इलाज करना शामिल है।
- शोध से साबित हुआ है कि एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या एडहेशंस (Adhesions) का इलाज लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) के दौरान करने से फर्टिलिटी आउटकम्स (Fertility Outcomes) में सुधार होता है।
- अगर यूटराइन कैविटी (Uterine Cavity) या किसी ऑर्गन में एबनॉर्मैलिटी (Abnormality) हो, तो उसे भी उसी सत्र में ठीक किया जा सकता है।
यह “देखना और इलाज करना” — दोनों एक साथ करने की क्षमता ही लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) को इतना मूल्यवान बनाती है।
6. चीरे बंद करना (Closing the Incisions)
प्रोसीजर खत्म होने पर गैस को धीरे-धीरे बाहर निकाला जाता है और छोटे चीरे स्यूचर्स (Stitches) या सर्जिकल ग्लू (Surgical Glue) से बंद कर दिए जाते हैं।
- क्योंकि यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है, इसलिए चीरे छोटे होते हैं और निशान बहुत कम या न के बराबर रहते हैं।
- हालांकि, हल्का स्कार (Scar) बनने का जोखिम रहता है जो रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs) को प्रभावित कर सकता है।
- ज़्यादातर मरीज उसी दिन घर चली जाती हैं और उन्हें पारंपरिक सर्जरी (Surgery) की तुलना में कम दर्द महसूस होता है।
डॉक्टर (Doctor) आफ्टरकेयर (Aftercare) निर्देश देंगे और एक फॉलो अप (Follow-up) शेड्यूल करेंगे ताकि परिणामों की समीक्षा की जा सके।
7. पोस्ट-प्रोसीजर मॉनिटरिंग (Post-Procedure Monitoring)
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) के बाद, आप रिकवरी रूम (Recovery Room) में आराम करेंगी जब तक कि जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) का असर खत्म नहीं हो जाता।
- नर्सें आपका ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), पेन लेवल्स (Pain Levels) और एब्डॉमिनल एरिया (Abdominal Area) जांचेंगी।
- कुछ महिलाओं को कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) की वजह से हल्की सूजन या दर्द महसूस हो सकता है, जो आमतौर पर एक-दो दिन में चला जाता है।
- छोटे चीरे बैंडेज (Bandages) से ढके रहते हैं और इन्हें साफ रखना जरूरी है ताकि इन्फेक्शन (Infection) न हो।
ज़्यादातर महिलाएं एक से दो हफ्तों में पूरी तरह ठीक हो जाती हैं, हालांकि पूरी हीलिंग (Healing) का समय प्रोसीजर की जटिलता पर निर्भर करता है।
आपको उसी दिन घर भेज दिया जाएगा और डॉक्टर (Doctor) बताएंगे:
- फॉलो अप (Follow-up) कब करना है
- सर्जिकल वूंड्स (Surgical Wounds) की देखभाल कैसे करनी है
- किन लक्षणों — जैसे फीवर (Fever) या हेवी ब्लीडिंग (Heavy Bleeding) — पर ध्यान देना है
अगर डॉक्टर (Doctor) ने ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts), स्कार टिश्यू (Scar Tissue) या एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) हटाए हैं, तो वे समझाएंगे कि क्या किया गया और यह आपकी फर्टिलिटी (Fertility) को कैसे प्रभावित करेगा।
“रिकवरी (Recovery) आम तौर पर बहुत स्मूद होती है और ज़्यादातर महिलाएं एक हफ्ते से भी कम समय में काम पर लौट आती हैं,” — डॉ. अंशु अग्रवाल, फर्टिलिटी सर्जन (Fertility Surgeon)।
यह स्टेप आपकी मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) को पूरा करता है — जवाबों के साथ एक नई उम्मीद लाता है आपकी इन्फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जर्नी (Infertility Treatment Journey) में।
यह कौन-सी स्थितियों (Conditions) का पता लगाती या इलाज करती है?
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) डॉक्टरों को उन समस्याओं को खोजने और ठीक करने में मदद करती है, जो गर्भधारण (Pregnancy) में रुकावट बनती हैं। यह आपके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs) — जैसे फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes), यूटरस (Uterus) और ओवरीज़ (Ovaries) — को साफ-साफ दिखाती है।
यह जिन स्थितियों का पता लगा सकती है या इलाज कर सकती है, उनमें शामिल हैं:
- ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes) — जो अंडे (Egg) और शुक्राणु (Sperm) को मिलने से रोकती हैं।
- एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) — जिसमें टिश्यू (Tissue) यूटरस (Uterus) के बाहर बढ़ता है।
- ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) — जो ओव्यूलेशन (Ovulation) को प्रभावित कर सकती हैं।
- पेल्विक एडहेशंस (Pelvic Adhesions) या स्कार टिश्यू (Scar Tissue) — जो ऑर्गन्स (Organs) को आपस में चिपका देता है।
- यूटराइन कैविटी (Uterine Cavity) के अंदर की एबनॉर्मैलिटीज़ (Abnormalities)।
- पेल्विक पेन (Pelvic Pain) — जो इन्फर्टिलिटी (Infertility) से जुड़ा हो सकता है।
“लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) हमें सटीक डायग्नोसिस (Diagnosis) देती है और एक ही प्रोसीजर (Procedure) में इलाज का मौका भी,” — कहती हैं डॉ. अंशु अग्रवाल।
यह मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) इन्फर्टिलिटी के छिपे हुए कारणों को समझने का सबसे अच्छा तरीका है, खासकर तब जब अन्य फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) जवाब नहीं दे पाते कि गर्भधारण क्यों नहीं हो रहा है।
इन्फर्टिलिटी लैप्रोस्कोपी (Infertility Laparoscopy) के फायदे: सिर्फ डायग्नोसिस नहीं, और भी बहुत कुछ

यह आपकी फर्टिलिटी जर्नी (Fertility Journey) को कैसे प्रभावित करती है?
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) सिर्फ समस्या खोजने के लिए नहीं है — यह उन्हें ठीक करने के लिए भी है। यहाँ जानिए यह इतना असरदार क्यों है:
- एक साथ डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट (Diagnose and Treat in One Go): लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) सिर्फ समस्या दिखाती नहीं, बल्कि उसी समय उसका इलाज भी कर सकती है। डॉक्टर ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts), स्कार टिश्यू (Scar Tissue) या एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) को उसी प्रोसीजर (Procedure) में हटा सकते हैं।
- नेचुरल कंसेप्शन (Natural Conception) के चांस बढ़ाना: नॉर्मल पेल्विक एनाटॉमी (Normal Pelvic Anatomy) को बहाल करके, लैप्रोस्कोपी ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes) खोल सकती है या पेल्विक एडहेशंस (Pelvic Adhesions) को हटा सकती है, जिससे अंडा और शुक्राणु आसानी से मिल सकें।
- मिनिमली इनवेसिव और फास्ट रिकवरी (Minimally Invasive, Faster Recovery): यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है, जिसमें छोटे कट लगते हैं, दर्द कम होता है और रिकवरी (Recovery) तेज़ होती है। ज़्यादातर पेशेंट्स (Patients) उसी दिन घर लौट जाती हैं।
- जब अन्य टेस्ट्स फेल हों तब सटीक डायग्नोसिस (Accurate Diagnosis When Other Tests Fail): अगर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) या स्कैन (Scan) से समस्या नहीं मिलती, तो लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) यूटरस (Uterus), फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) और एब्डॉमिनल ऑर्गन्स (Abdominal Organs) को स्पष्ट रूप से दिखाकर डॉक्टर को सटीक डायग्नोसिस (Diagnosis) करने में मदद करती है।
- बार-बार सर्जरी की जरूरत कम (Reduces Need for Multiple Procedures): चूंकि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) एक ही बार में कई समस्याओं का इलाज कर सकती है, इससे बार-बार प्रोसीजर (Procedure) की जरूरत नहीं पड़ती और मेडिकल कॉस्ट (Medical Cost) और तनाव दोनों कम होते हैं।
- छिपी हुई स्थितियों को बेहतर समझना (Better Understanding of Hidden Conditions): यह गंभीर एंडोमेट्रियोसिस (Severe Endometriosis), ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes) और पेल्विक पेन (Pelvic Pain) जैसे कारणों का पता लगाने में मदद करती है, जो सामान्य इमेजिंग (Imaging) से नहीं दिखते।
यह प्रोसीजर नॉर्मल पेल्विक एनाटॉमी (Normal Pelvic Anatomy) को बहाल करके आपके नेचुरल कंसेप्शन (Natural Conception) के चांस को बढ़ाती है। यह खास तौर पर उन मामलों में फायदेमंद होती है, जहाँ एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions), इन्फर्टिलिटी लैप्रोस्कोपी (Infertility Laparoscopy) या पेल्विक पेन (Pelvic Pain) लंबे समय से रहस्यमय बना हुआ हो।
हाल के शोध (Current Research) बताते हैं कि लैप्रोस्कोपिक इंटरवेंशन (Laparoscopic Intervention) चुनिंदा मरीजों में नेचुरल कंसेप्शन (Natural Conception) के अवसरों को काफी बढ़ा सकता है।
क्या लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) सुरक्षित है? आपको किन जोखिमों (Risks) के बारे में जानना चाहिए?

लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है, जो डॉक्टरों को आपके एब्डॉमेन (Abdomen) के अंदर देखने और ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes), एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) या स्कार टिश्यू (Scar Tissue) जैसी समस्याओं का इलाज करने में मदद करती है।
इसे अक्सर कीहोल सर्जरी (Keyhole Surgery) कहा जाता है क्योंकि इसमें छोटे-छोटे इंसिज़न (Incisions) किए जाते हैं, बड़े कट्स नहीं। इससे दर्द कम होता है और रिकवरी (Recovery) जल्दी होती है। लेकिन हर सर्जिकल ट्रीटमेंट (Surgical Treatment) की तरह, इसमें भी कुछ जोखिम हो सकते हैं।
संभावित जोखिम (Possible Risks) क्या हैं?
हालांकि लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, फिर भी कुछ संभावित जोखिम हो सकते हैं:
- छोटे इंसिज़न (Small Incisions) वाली जगह पर इन्फेक्शन (Infection) हो सकता है।
- एब्डॉमिनल ऑर्गन्स (Abdominal Organs), ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) या अन्य ऑर्गन्स (Organs) को हल्की चोट लग सकती है।
- जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) से जुड़ी हल्की दिक्कतें हो सकती हैं।
- कभी-कभी पेल्विक एडहेशंस (Pelvic Adhesions) बन सकते हैं, लेकिन यह बहुत कम होता है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के कारण हल्का पेल्विक पेन (Pelvic Pain) या सूजन (Bloating) महसूस हो सकता है।
एक अध्ययन (Journal of Reproductive Medicine) में बताया गया कि 100 में से 2 से भी कम महिलाओं को गंभीर समस्या हुई। इसका मतलब है कि 98% महिलाओं की रिकवरी बिना किसी बड़ी परेशानी के हुई।
सर्जरी के बाद रिकवरी (Recovery) और क्या उम्मीद करें
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) के बाद रिकवरी आमतौर पर बहुत स्मूथ होती है। चूंकि यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) है, इसलिए हीलिंग टाइम (Healing Time) भी ओपन सर्जरी (Open Surgery) से कम होता है। फिर भी शरीर को पूरी तरह ठीक होने के लिए थोड़ा समय चाहिए।
यहाँ जानिए क्या उम्मीद कर सकते हैं —
1. सर्जरी के कुछ घंटे बाद (First Few Hours After Surgery)
- जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) के कारण आपको नींद या सुस्ती महसूस हो सकती है।
- कुछ महिलाओं को बेली बटन (Belly Button) या कंधे के पास हल्का दर्द महसूस हो सकता है, जो कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) गैस के कारण होता है।
- डॉक्टर आपको घर भेजने से पहले ब्लीडिंग (Bleeding) या किसी और समस्या की जांच करते हैं।
2. पहले कुछ दिन (First Few Days)
- हल्का पेल्विक पेन (Pelvic Pain), ब्लोटिंग (Bloating) या दर्द सामान्य है।
- छोटे इंसिज़न (Incisions) के पास थोड़ा ब्रूज़िंग (Bruising) दिख सकता है।
- भारी वजन उठाने या झुकने से बचें।
3. एक हफ्ते बाद (One Week Later)
- ज़्यादातर महिलाएँ 5–7 दिनों में काम पर लौट सकती हैं।
- अगर सर्जिकल ट्रीटमेंट (Surgical Treatment) के दौरान ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts), स्कार टिश्यू (Scar Tissue) या एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) का इलाज किया गया हो, तो पूरी रिकवरी में थोड़ा और समय लग सकता है।
- फॉलो-अप (Follow-Up) विजिट यह सुनिश्चित करता है कि हीलिंग सही हो रही है और आगे की फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Fertility Treatment) योजना तय की जा सके।
“लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) कई महिलाओं को एक हफ्ते के अंदर अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ शुरू करने की अनुमति देती है,” — कहता है अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट्स (American College of Obstetricians and Gynecologists)।
तेज़ रिकवरी के लिए सुझाव (Tips for Faster Recovery):
- हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाएँ।
- इंसिज़न एरिया (Incision Area) को साफ और सूखा रखें।
- जब थकान महसूस हो तो आराम करें — खुद को जल्दी से ज़्यादा न थकाएँ।
डॉ. अंशु अग्रवाल का लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) द्वारा बांझपन (Infertility) के इलाज में अनुभव

डॉ. अंशु अग्रवाल रांची की सबसे भरोसेमंद लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) विशेषज्ञों में से एक हैं। 18+ वर्षों के क्लिनिकल अनुभव के साथ, वह बांझपन (Infertility) के मूल कारणों की पहचान और इलाज में माहिर हैं। वह मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) का उपयोग करके उन्नत तकनीक से उपचार करती हैं।
उनकी विशेषज्ञता मॉडर्न इक्विपमेंट (Modern Equipment), सटीक सर्जिकल रिजल्ट्स (Surgical Outcomes), और हर मरीज के लिए पर्सनलाइज्ड केयर (Personalized Care) के अनोखे संयोजन पर आधारित है।
क्यों मरीज झारखंड और उसके बाहर से भी डॉ. अंशु अग्रवाल को चुनते हैं:
1. 1,200+ सफल इन्फर्टिलिटी सर्जरी (Infertility Surgeries): उनके क्लिनिक में अब तक 1,200 से अधिक लैप्रोस्कोपिक (Laparoscopic) और हिस्टेरोस्कोपिक (Hysteroscopic) प्रोसीजर किए गए हैं — जिनमें से कई ने महिलाओं को बिना IVF (In Vitro Fertilization) के प्राकृतिक रूप से गर्भधारण (Conceive Naturally) करने में मदद की है।
यह सिर्फ अनुभव नहीं, बल्कि साबित नतीजे हैं।
2. ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes) और एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) पर विशेष ध्यान: वह लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) के ज़रिए सटीक रूप से समस्याओं जैसे स्कार टिश्यू (Scar Tissue), ओवरीयन सिस्ट्स (Ovarian Cysts) और एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) का पता लगाकर इलाज करती हैं — जो अक्सर बेसिक फर्टिलिटी टेस्ट्स (Fertility Tests) में नज़र नहीं आते।
3. कम दर्द, तेज़ रिकवरी और कम खर्च: कीहोल सर्जरी (Keyhole Surgery) तकनीक के साथ, ज़्यादातर मरीजों को 24–48 घंटों में डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
तेज़ रिकवरी का मतलब है — कम जटिलताएँ, कम समय की छुट्टी, और भावनात्मक तनाव में कमी।
4. सहानुभूति के साथ उपचार (Treatment with Empathy): डॉ. अग्रवाल अपने शांत और दोस्ताना काउंसलिंग स्टाइल के लिए जानी जाती हैं।
मरीज अक्सर कहते हैं कि वह उन्हें सुनती हैं, समझती हैं, और किसी महंगे इलाज के लिए दबाव नहीं डालतीं।
5. टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूट्स से ट्रेनिंग और रिसर्च का अनुभव:
- MBBS – Eras Lucknow Medical College
- MS (Obs-Gyn) – Motilal Nehru Medical College
वह नियमित रूप से OB-GYN जर्नल्स (OB-GYN Journals) में योगदान देती हैं और अपनी प्रैक्टिस को रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (Reproductive Medicine) के नवीनतम शोध से अपडेट रखती हैं।
“लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) सिर्फ डायग्नोसिस (Diagnosis) नहीं है — यह आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और प्राकृतिक गर्भधारण (Natural Conception) की संभावना को बहाल करने का तरीका है।”
— डॉ. अंशु अग्रवाल
📍 क्लिनिक पता (Clinic Address):
Dr. Anshu Agrawal’s Clinic
Opposite Ranchi Women’s College, Circular Road, Ranchi, Jharkhand – 834001
🌐 वेबसाइट (Website): www.dranshuagarwal.com
🕒 क्लिनिक समय (Clinic Hours):
सोमवार से शनिवार – सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
रविवार – बंद
अन्य बांझपन (Infertility) उपचारों की तुलना में लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)

जहाँ लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) आपके शरीर के अंदर मौजूद शारीरिक समस्याओं का पता लगाकर उनका इलाज करती है, वहीं अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स (Fertility Treatments) अलग तरह से काम करते हैं।
आइए कुछ आम उपचारों पर नज़र डालते हैं और समझते हैं कि लैप्रोस्कोपी की तुलना में वे कैसे हैं।
1. फर्टिलिटी मेडिकेशन्स (Fertility Medications)
फर्टिलिटी मेडिकेशन्स (Fertility Medications) आमतौर पर पहला कदम होती हैं।
- ये दवाइयाँ शरीर को अंडाणु (Eggs) रिलीज़ करने में मदद करती हैं।
- डॉक्टर इन्हें तब सुझाते हैं जब आपकी फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) खुली हों और आपके पार्टनर का स्पर्म (Sperm) स्वस्थ हो।
- इनसे प्रेग्नेंसी आउटकम्स (Pregnancy Outcomes) बेहतर हो सकते हैं।
लेकिन ये उपचार शारीरिक समस्याएँ जैसे ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes), एंडोमेट्रियल टिश्यू (Endometrial Tissue) या पेल्विक एडहेशन्स (Pelvic Adhesions) को ठीक नहीं कर पाते।
यहीं पर लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) को बढ़त मिलती है।
“कई मामलों में केवल फर्टिलिटी मेडिकेशन्स (Fertility Medications) पर्याप्त नहीं होतीं अगर पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy) प्रभावित हो,” — अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स (American College of Obstetricians and Gynecologists)।
2. इंट्रायूटेरिन इन्सेमिनेशन (Intrauterine Insemination - IUI)
IUI (Intrauterine Insemination) में स्पर्म को सीधे यूटेरिन कैविटी (Uterine Cavity) में डाला जाता है।
- यह उपचार हल्के स्पर्म संबंधी या अनएक्सप्लेंड इन्फर्टिलिटी (Unexplained Infertility) वाले मामलों में बेहतर काम करता है।
- यह लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) से सस्ता और कम इनवेसिव (Less Invasive) है।
लेकिन IUI समस्याओं जैसे ट्यूबल पेटेंसी (Tubal Patency) या स्कार टिश्यू (Scar Tissue) को ठीक नहीं करता।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) इन समस्याओं को ठीक कर सकती है और आगे चलकर नेचुरल कंसेप्शन (Natural Conception) की संभावना बढ़ा सकती है।
3. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization - IVF)
IVF (In Vitro Fertilization) में अंडाणु और स्पर्म को शरीर के बाहर मिलाया जाता है।
- यह उपचार ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स (Blocked Fallopian Tubes), एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) या रिप्रोडक्टिव सिस्टम (Reproductive System) की गड़बड़ियों को बायपास करता है।
- यह प्रभावी है लेकिन महंगा भी।
- IVF मूल समस्या को ठीक नहीं करता — सिर्फ उसे अस्थायी रूप से टाल देता है।
लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) नॉर्मल पेल्विक एनाटॉमी (Normal Pelvic Anatomy) को बहाल करने में मदद करती है, जिससे बाद में IVF की सफलता दर बढ़ सकती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि IVF से पहले की गई लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) ने क्लिनिकल प्रेग्नेंसी रेट्स (Clinical Pregnancy Rates) को लगभग 30% तक बढ़ाया।
4. सर्जिकल ट्रीटमेंट (Surgical Treatment - Non-Laparoscopic)
कुछ सर्जरी बिना लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) के की जाती हैं।
- इनमें एब्डॉमिनल वॉल (Abdominal Wall) पर बड़े चीरे (Large Cuts) लगाए जाते हैं।
- ये अक्सर इमरजेंसी सर्जरी (Emergency Surgery) या जटिल पेल्विक कैविटी (Pelvic Cavity) समस्याओं के लिए की जाती हैं।
- लेकिन इनसे रिकवरी लंबी होती है और इन्फेक्शन (Infection) का खतरा ज़्यादा रहता है।
ऑपरेटिव लैप्रोस्कोपी (Operative Laparoscopy) में छोटे कट और एक स्मॉल कैमरा (Small Camera) का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इलाज कम दर्दनाक और जल्दी ठीक होने वाला होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लैप्रोस्कोपी फॉर इन्फर्टिलिटी (Laparoscopy for Infertility) सिर्फ एक तरीका नहीं — इसे अक्सर गोल्ड स्टैंडर्ड (Gold Standard) कहा जाता है।
यह डॉक्टरों को रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स (Reproductive Organs), फैलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) और यूटेरिन कैविटी (Uterine Cavity) को साफ-साफ देखने में मदद करता है।
इससे अधिक सटीक निदान और बेहतर प्रेग्नेंसी आउटकम्स (Pregnancy Outcomes) मिलते हैं।
अगर अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स (Fertility Treatments) काम नहीं कर रहे, तो यह मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर (Minimally Invasive Procedure) आपकी मदद कर सकता है।
यह एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriotic Lesions) या स्कार टिश्यू (Scar Tissue) जैसी छिपी समस्याओं के छूटने के इंक्रीज़्ड रिस्क (Increased Risk) को कम करता है।
“लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) हमें मूल कारण का इलाज करने देती है — ताकि कपल्स को नेचुरल कंसेप्शन (Natural Conception) का असली मौका मिल सके,”
— डॉ. अंशु अग्रवाल (Dr. Anshu Agrawal)
अपने डॉक्टर से बात करें — यह वही कदम हो सकता है जो आपको गर्भधारण (Getting Pregnant) की दिशा में आगे बढ़ा दे।
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