Fertility Solutions
8 min read

एंडोमेट्रियोसिस फर्टिलिटी (Endometriosis Infertility) का कारण बन सकता है? कंसीव(Conceive) करने की कोशिश से पहले क्या करें

क्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) फर्टिलिटी (Infertility) का कारण बन सकता है? जानें कि यह आपकी कंसीव करने की संभावना को कैसे प्रभावित करता है और आप अभी कौन से कदम उठा सकती हैं ताकि आप तैयार और कंट्रोल में महसूस करें।
blog-headeer
Written by
Swetha K
Published on
April 27, 2025

अगर आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं और एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) को लेकर आपके मन में सवाल हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।

American Society for Reproductive Medicine के अनुसार, लगभग 30% से 50% महिलाएं जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) होता है, फर्टिलिटी (Infertility) की समस्या का सामना करती हैं — और कई को इसका पता तब चलता है जब वे फर्टिलिटी इवैल्यूएशन शुरू करती हैं।

यह लेख आपकी मदद करेगा समझने में कि क्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) फर्टिलिटी (Infertility) का कारण बन सकता है, इसका आपकी प्रजनन क्षमता पर क्या असर होता है, और आप कौन-कौन से कदम उठा सकती हैं — एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण (Symptoms) पहचानने से लेकर इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (In Vitro Fertilization – IVF) या इन्ट्रायूटेराइन इन्सेमिनेशन (Intrauterine Insemination – IUI) जैसे विकल्पों को एक्सप्लोर करने तक।

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) क्या होता है?

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) क्या होता है?

अगर आपको बताया गया है कि आपको एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) हो सकता है, तो ज़ाहिर है आपके मन में ये सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि इसका मतलब क्या है। यह थोड़ा कन्फ़्यूज़िंग हो सकता है — खासकर जब हर महिला में इसके लक्षण (Symptoms) अलग-अलग तरीके से दिखते हैं। लेकिन यह समझना कि आपके शरीर में अंदर क्या हो रहा है, आपको सही अगला कदम उठाने में मदद करता है।

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) तब होता है जब एंडोमेट्रियल जैसे टिशू (Endometrial-like Tissue) यूटेरस (Uterus) के बाहर बढ़ने लगते हैं — जहाँ इन्हें नहीं होना चाहिए। ये सेल्स आपके मेंस्ट्रुअल साइकल (Menstrual Cycle) की तरह व्यवहार करते हैं, लेकिन ये शरीर से बाहर नहीं निकल पाते। यही वजह है कि दर्द, सूजन और धीरे-धीरे फर्टिलिटी (Fertility) से जुड़ी जटिलताएं होने लगती हैं।

World Health Organization के अनुसार, यह स्थिति दुनियाभर में लगभग 10% रिप्रोडक्टिव-एज महिलाओं को प्रभावित करती है — और इनमें से कई को सालों तक इसका डायग्नोसिस तक नहीं मिल पाता।

“क्या कंसीव करने से पहले अपने लक्षणों को समझने में एक्सपर्ट की मदद चाहिए?
डॉ. अंशु अग्रवाल से परामर्श लें — उनके अनुभव पर आधारित पर्सनल गाइडेंस और सपोर्ट आपको सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।”

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) फर्टिलिटी (Fertility) को कैसे प्रभावित कर सकता है?

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) फर्टिलिटी (Fertility) को कैसे प्रभावित कर सकता है?

अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) डायग्नोज़ हुआ है या आपको शक है कि हो सकता है, तो आपके मन में सबसे बड़ा सवाल शायद यह होगा: क्या इससे मेरी प्रेग्नेंट होने की संभावना पर असर पड़ेगा?
छोटा जवाब है — हाँ, लेकिन यह हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता।

यह आपकी फर्टिलिटी (Fertility) को कैसे प्रभावित करता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि टिशू कहाँ बढ़ रहा है, शरीर कैसे रिएक्ट कर रहा है, और इसे कितनी जल्दी मैनेज किया जा रहा है।

1. ऐसे लक्षण जो हस्तक्षेप करते हैं (Symptoms that interfere)

कुछ महिलाएं तेज़ पेल्विक पेन (Pelvic Pain) झेलती हैं, जबकि कुछ को पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह स्थिति है। समस्या यह है कि पीरियड के लक्षण हमेशा कंडीशन की गंभीरता को नहीं दर्शाते।
इसी कारण डीप एंडोमेट्रियोसिस (Deep Endometriosis) हो या माइल्ड एंडोमेट्रियोसिस (Mild Endometriosis), दोनों फर्टिलिटी (Fertility) में बिना ज़ाहिर लक्षण के बाधा डाल सकते हैं।

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) इन समस्याओं का कारण बन सकता है:

  • निचले पेट में तेज़ दर्द
  • समय के साथ बिगड़ती क्रॉनिक बीमारी
  • आईबीएस (IBS) जैसी अन्य समस्याओं से मिलते-जुलते पेट दर्द
  • पेन जो इंटिमेसी और कम्फर्ट में दिक्कत पैदा करे

2. फॉलोपियन ट्यूब डैमेज (Fallopian tube damage)

जब एक्टोपिक एंडोमेट्रियल टिशू (Ectopic Endometrial Tissue) ट्यूब्स के पास बढ़ता है, तो यह पेल्विक एड्हीजन (Pelvic Adhesions) या ब्लॉकेज का कारण बन सकता है।

इससे ट्यूबल फैक्टर इन्फर्टिलिटी (Tubal Factor Infertility) हो सकती है और नेचुरल कंसीव करने की संभावना घट जाती है। स्कारred ट्यूब्स एग और स्पर्म को मिलने नहीं देतीं।

एड्हीजन (Adhesions) और स्कार टिशू इन प्रभावों का कारण बन सकते हैं:

  • ट्यूब्स की कार्यक्षमता में रुकावट
  • पेल्विक एनाटॉमी में बदलाव
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) का रिस्क बढ़ना

3. इंफ्लेमेशन और एग्स (Inflammation and eggs)

यह स्थिति अक्सर पेल्विक कैविटी में क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी रिएक्शन को ट्रिगर करती है। इससे एग्स को डैमेज हो सकता है या उनकी क्वालिटी कम हो सकती है।

American Society for Reproductive Medicine के अनुसार, "एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) पेशेंट्स में पेरिटोनियल फ्लूइड का वॉल्यूम बढ़ जाता है, जो स्पर्म और एग फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।"

इसके कारण हो सकता है:

  • ओवेरियन रिज़र्व (Ovarian Reserve) में कमी
  • एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी (Endometrial Receptivity) में समस्या
  • ओवेरियन एंडोमेट्रियोमा (Ovarian Endometrioma) बनना

4. हार्मोनल डिस्टर्बेंस (Hormonal disruption)

भले ही आप रेगुलर ओव्यूलेट कर रही हों, हार्मोनल इम्बैलेंस से ओव्यूलेशन सप्रेस (Ovulation Suppression) हो सकता है जो धीरे से फर्टिलिटी (Fertility) को प्रभावित करता है।
यह ज्यादा उन महिलाओं में देखा जाता है जिनमें माइल्ड या मॉडरेट एंडोमेट्रियोसिस (Mild/Moderate Endometriosis) हो।

और हालांकि बर्थ कंट्रोल पिल्स दर्द में राहत देती हैं, लेकिन अगर आप कंसीव करना चाह रही हैं तो यह आदर्श उपाय नहीं है।

5. जुड़े हुए इन्फर्टिलिटी फैक्टर्स (Associated infertility factors)

कभी-कभी एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के साथ अन्य फर्टिलिटी बाधाएं भी सामने आती हैं। जैसे:

  • मेल फैक्टर इन्फर्टिलिटी (Male Factor Infertility)
  • अनएक्सप्लेंड इन्फर्टिलिटी (Unexplained Infertility)
  • पूर्व ओवेरियन सर्जरी का इतिहास

ये सभी चीज़ें प्रेग्नेंसी रेट को कम कर सकती हैं, खासकर उन महिलाओं में जो पहले से इन्फर्टिलिटी (Infertility) झेल रही हैं।

अपने डॉक्टर से क्या बात करें:

  • क्या आपको डायग्नोस्टिक लैप्रोस्कोपी (Diagnostic Laparoscopy) की ज़रूरत है?
  • क्या सर्जिकल ट्रीटमेंट या सर्जिकल एक्सिज़न (Surgical Excision) एक विकल्प हो सकता है?
  • क्या इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन एम्ब्रियो ट्रांसफर (In Vitro Fertilization Embryo Transfer) से आपकी संभावना बेहतर हो सकती है?

इन कनेक्शनों को समझना आपको ज़्यादा सूझ-बूझ से निर्णय लेने में मदद करता है — और अपनी फर्टिलिटी जर्नी पर कंट्रोल महसूस कराता है।

ऐसे कॉमन एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

ऐसे कॉमन एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। कभी ये बहुत तीव्र होते हैं, और कभी इतने हल्के कि आप इन्हें “नॉर्मल” समझकर अनदेखा कर देते हैं।

लेकिन अगर ये संकेत बार-बार नज़र आएं, तो उन पर ध्यान देना ज़रूरी है — खासकर अगर आप प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं।

1. दर्दभरे पीरियड्स (Painful periods)
यह सबसे कॉमन रेड फ्लैग्स में से एक है। अगर आपका मेंस्ट्रुअल फ्लो सामान्य से बहुत ज़्यादा भारी लगता है या क्रैम्प्स की वजह से आप बिस्तर से नहीं उठ पा रही हैं — तो इसे अनदेखा न करें। यह दर्द एंडोमेट्रियोसिस टिशू (Endometriosis Tissue) के मेन्स्ट्रुअल साइकल (Menstrual Cycle) के दौरान रिएक्शन से हो सकता है।

यह इन कारणों से भी जुड़ा हो सकता है:

  • रेट्रोग्रेड मेन्स्ट्रुएशन (Retrograde Menstruation) से होने वाली परेशानी
  • परिटोनियल एंडोमेट्रियोसिस (Peritoneal Endometriosis) वाली जगहों पर बार-बार सूजन
  • ओवेरियन स्टिमुलेशन इम्बैलेंस (Ovarian Stimulation Imbalance) के शुरुआती संकेत

2. क्रॉनिक पेल्विक पेन (Chronic pelvic pain)
यह दर्द कभी मद्धम और कभी तेज़ हो सकता है, और हर बार आपके पीरियड के साथ नहीं जुड़ा होता। कुछ महिलाएं सालों तक इस दर्द को झेलती हैं, बिना किसी डायग्नोसिस के।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) अक्सर पहला तरीका होता है जिससे डॉक्टर इसे पहचानते हैं।

यह संकेत हो सकता है:

  • एंडोमेट्रियोसिस लीजन (Endometriosis Lesions) या डीप टिशू का जमाव
  • पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic Anatomy) में गड़बड़ी
  • लंबी चलने वाली क्रॉनिक बीमारी जो ध्यान माँगती है

3. सेक्स के दौरान दर्द (Pain during intercourse)
दर्द सिर्फ शारीरिक नहीं होता — यह आपकी रिलेशनशिप और आत्मविश्वास दोनों को प्रभावित करता है। कुछ मामलों में एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का मेडिकल ट्रीटमेंट या सर्जिकल एक्सिज़न (Surgical Excision) राहत दिला सकता है। लेकिन सटीक डायग्नोसिस ज़रूरी है।

4. हैवी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग (Heavy menstrual bleeding)
अगर आपकी पीरियड्स सात दिनों से ज़्यादा चलती हैं या सैनिटरी प्रोडक्ट हर घंटे में लीक हो जाते हैं — तो डॉक्टर से बात करें।
यह सिर्फ असुविधा नहीं है — यह एक लक्षण (Symptom) है। इसका कारण एंडोमेट्रियल सेल्स (Endometrial Cells) का गलत जगह पर बढ़ना हो सकता है।

5. डाइजेस्टिव या ब्लैडर से जुड़ी समस्याएं (Digestive or bladder issues)
ब्लोटिंग, क्रैम्पिंग, या बार-बार पेशाब जाना? इन लक्षणों को अक्सर आईबीएस (IBS) समझ लिया जाता है।
लेकिन अगर ये पीरियड दर्द के साथ आते हैं, तो ये परिटोनियल एंडोमेट्रियोसिस (Peritoneal Endometriosis) या उसके आसपास के टिशू ग्रोथ का संकेत हो सकते हैं।

6. प्रेग्नेंट होने में कठिनाई (Difficulty getting pregnant)
यही वो मोमेंट होता है जब कई महिलाओं को पहली बार पता चलता है कि उन्हें एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) है।
अगर आप काफी समय से कोशिश कर रही हैं लेकिन सफल नहीं हुई हैं, तो अपने डॉक्टर से डायग्नोस्टिक लैप्रोस्कोपी (Diagnostic Laparoscopy) के बारे में बात करें।

Fertility and Sterility जर्नल के अनुसार, "अनएक्सप्लेंड इन्फर्टिलिटी (Unexplained Infertility)" के पीछे अक्सर अर्ली स्टेज एंडोमेट्रियोसिस छुपा होता है।

डिस्कस करें ये विकल्प:

  • डायग्नोसिस के बाद फर्टिलिटी थेरेपी (Fertility Therapy)
  • अगर क्लिनिकल प्रेग्नेंसी नहीं हुई तो अगला कदम क्या हो
  • दर्द के इलाज के साथ-साथ आगे की प्लानिंग कैसे करें

लक्षणों को जल्दी पहचान लेना बड़ा फ़र्क ला सकता है। आप ज़्यादा सोच नहीं रही हैं — आप अपने भविष्य की ठीक से देखभाल कर रही हैं।

क्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) सभी महिलाओं में फर्टिलिटी (Infertility) का कारण बनता है?

क्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) सभी महिलाओं में फर्टिलिटी (Infertility) का कारण बनता है?

हर महिला जिसे एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) होता है, उसे प्रेग्नेंसी में परेशानी नहीं होती — लेकिन कुछ को होती है। तो सवाल उठता है: क्या एंडोमेट्रियोसिस सभी महिलाओं में फर्टिलिटी (Infertility) की वजह बनता है?

सच यह है कि यह आपकी स्टेज, लक्षणों (Symptoms), और ट्रीटमेंट के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है।

माइल्ड बनाम सीवियर केस: क्या गंभीरता हमेशा फर्टिलिटी को प्रभावित करती है?

यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन कभी-कभी माइल्ड एंडोमेट्रियोसिस (Mild Endometriosis) सीवियर केस से ज़्यादा दिक्कत दे सकता है।
क्योंकि फर्टिलिटी की समस्या केवल इस बात से तय नहीं होती कि टिशू कितना है — बल्कि इस बात से होती है कि वो कहाँ बढ़ रहा है और आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम (Reproductive System) में कैसे हस्तक्षेप कर रहा है।

उदाहरण के लिए, फॉलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) के पास की मामूली स्कारिंग (Scarring) भी ब्लॉकेज का कारण बन सकती है।

क्लीनिकल ऑब्ज़र्वेशन में:

  • सीवियर डिज़ीज़ (Severe Disease) स्पष्ट नुकसान कर सकती है, लेकिन माइल्ड या मिनिमल एंडोमेट्रियोसिस (Minimal Endometriosis) वाली कई महिलाएं भी इन्फर्टिलिटी (Infertility) अनुभव करती हैं
  • कुछ महिलाएं जिनका स्टेज एडवांस है, फिर भी नेचुरली कंसीव कर लेती हैं
  • Fertility and Sterility के अनुसार, रिज़ल्ट्स स्टेज की बजाय लोकेशन पर ज़्यादा निर्भर करते हैं

Cochrane Database में प्रकाशित एक रैंडमाइज़्ड कंट्रोल्ड ट्रायल के अनुसार, मिनिमल से माइल्ड स्टेज में दिखने वाले इम्प्लांट्स (Implants) को सर्जरी से हटाने से प्रेग्नेंसी के चांसेज़ बेहतर हो सकते हैं — लेकिन यह कोई गारंटी नहीं है।

एंडोमेट्रियोसिस-से जुड़ी इन्फर्टिलिटी (Endometriosis-Related Infertility) को अक्सर गलत क्यों समझा जाता है?

एंडोमेट्रियोसिस-से जुड़ी इन्फर्टिलिटी (Endometriosis-Related Infertility) को अक्सर गलत क्यों समझा जाता है?

एक बड़ी वजह यह है कि इसके लक्षण (Symptoms) हमेशा शरीर के अंदर चल रही स्थिति से मेल नहीं खाते। कुछ महिलाओं को कोई दर्द या संकेत नहीं होते — फिर भी उन्हें फर्टिलिटी (Fertility) से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

ऐसे मामलों में महिलाओं को “अनएक्सप्लेंड इन्फर्टिलिटी (Unexplained Infertility)” का लेबल दे दिया जाता है, जब तक कि आगे की जांचों में एंडोमेट्रियोसिस टिशू (Endometriosis Tissue) या इंफ्लेमेशन (Inflammation) सामने नहीं आता।

यह स्थिति अक्सर इसलिए गलत समझी जाती है क्योंकि:

  • यह हार्मोनल डिसऑर्डर्स या मेल फैक्टर इन्फर्टिलिटी (Male Factor Infertility) जैसी अन्य समस्याओं से ओवरलैप करती है
  • बिना लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) या स्पेशल स्कैन के हमेशा दिखाई नहीं देती
  • जब तक तेज़ दर्द या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग न हो, इसे कई बार नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है

अर्ली डायग्नोसिस बहुत अहम है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो जल्द ही कंसीव करना चाहती हैं।
American Society for Reproductive Medicine के अनुसार, अब कई फर्टिलिटी क्लीनिक यह सलाह देते हैं कि अगर एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का शक हो — तो लक्षण न होने पर भी एक्टिव जांच करवाई जाए।

फिलहाल स्टेम सेल्स (Stem Cells) और उनका एंडोमेट्रियोसिस के ट्रीटमेंट में भविष्य में क्या रोल हो सकता है — इस पर रिसर्च जारी है।

लेकिन अभी के लिए सबसे ज़रूरी है: जागरूकता, समय पर देखभाल, और ऐसा पर्सनलाइज़्ड प्लान जो आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ गोल्स के साथ मेल खाता हो।

कंसीव करने से पहले एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का डायग्नोस कैसे किया जाता है?

कंसीव करने से पहले एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का डायग्नोस कैसे किया जाता है?

अगर आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं और आपको एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) का शक है, तो पहला कदम है — सही डायग्नोसिस करवाना।
लेकिन क्योंकि लक्षण (Symptoms) हमेशा गंभीरता से मेल नहीं खाते, इसे पहचानना आसान नहीं होता। यही वजह है कि कई महिलाओं को इसका पता सिर्फ फर्टिलिटी चेकअप्स के दौरान ही चलता है।

डॉक्टर आमतौर पर आपके मेन्स्ट्रुअल साइकल (Menstrual Cycle), पेन पैटर्न, और पेल्विक पेन या सेक्स के दौरान दर्द के इतिहास के बारे में पूछते हैं।
लेकिन एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) को कन्फर्म करने के लिए इमेजिंग और कभी-कभी सर्जरी की भी ज़रूरत होती है।

डायग्नोसिस के लिए सबसे भरोसेमंद तरीका है लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) — यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रोसीज़र होता है जिसमें डॉक्टर एंडोमेट्रियोसिस टिशू (Endometriosis Tissue) को सीधे देखकर पहचान सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर हटा भी सकते हैं।

कॉमन डायग्नोस्टिक स्टेप्स में शामिल हैं:

  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound)
    • ओवेरियन एंडोमेट्रियोमा (Ovarian Endometrioma) जैसे बड़े सिस्ट (Cysts) को डिटेक्ट कर सकता है
    • लेकिन छोटे या छिपे हुए लीजन (Lesions) को मिस कर सकता है
  • डायग्नोस्टिक लैप्रोस्कोपी (Diagnostic Laparoscopy)
    • एक्टोपिक एंडोमेट्रियल टिशू (Ectopic Endometrial Tissue) को विज़ुअलाइज़ और रिमूव किया जा सकता है
    • स्टेज कन्फर्म करने और सर्जिकल ट्रीटमेंट प्लान करने में मदद करता है
  • ब्लड टेस्ट और सिम्प्टम मैपिंग (Blood Tests and Symptom Mapping)
    • ये डायग्नोसिस को सपोर्ट करते हैं, लेकिन अकेले कन्फर्म नहीं कर सकते

अगर आप जल्द ही प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो लगातार चल रहे लक्षणों की जांच टालें नहीं।

अर्ली डायग्नोसिस न सिर्फ दर्द को मैनेज करने में मदद करता है, बल्कि फर्टिलिटी को लेकर सही और समझदारी से फैसला लेने का मौका भी देता है।

कंसीव(Conceive) करने से पहले क्या करना चाहिए?

कंसीव(Conceive) करने से पहले क्या करना चाहिए?

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के साथ प्रेग्नेंसी के बारे में सोचना कभी-कभी थका देने वाला लग सकता है।
लेकिन आपको तब तक इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है जब तक चीज़ें मुश्किल हो जाएं।

पहले से एक्टिव रहना आपको बाद में समय, तनाव और भावनात्मक तकलीफ से बचा सकता है।

फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट को कब दिखाना चाहिए?

पता नहीं चल रहा कि अभी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से मिलना चाहिए या नहीं?
तो एक आसान तरीका यह है:

  • अगर आपकी उम्र 35 से ज़्यादा है और आप 6 महीने से कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं — तो अब वक्त है चेकअप कराने का।
  • अगर आप 35 से कम हैं और 1 साल से ट्राय कर रही हैं — तो अपॉइंटमेंट ज़रूर बुक करें।

एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट आपकी मदद कर सकता है:

  • आपकी पूरी रिप्रोडक्टिव हिस्ट्री (Reproductive History) को इवैल्युएट करके
  • पर्सनलाइज़्ड टेस्ट या इमेजिंग की सलाह देकर
  • शुरू से ही संभावित विकल्पों (Options) के बारे में गाइड करके

लक्षणों के साथ प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने वाली महिलाओं के लिए प्रीकंसेप्शन स्टेप्स (Preconception Steps)

लक्षणों के साथ प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने वाली महिलाओं के लिए प्रीकंसेप्शन स्टेप्स (Preconception Steps)

चाहे आपने अभी तक कंसीव करने की कोशिश शुरू न की हो, फिर भी पहले से अपने शरीर को तैयार करना बहुत फायदेमंद हो सकता है।
छोटे बदलाव और सही जागरूकता आगे चलकर बड़ा फ़र्क डाल सकते हैं।

अपने शरीर की सुनना शुरू करें — खासकर अगर आपके पीरियड्स दर्दभरे रहे हैं या डाइजेस्टिव समस्याएं रही हैं।

स्मार्ट स्टेप्स जो आप अभी ले सकती हैं:

  • अपने साइकल को रेगुलर ट्रैक करें और पैटर्न नोट करें
  • एक सिम्प्टम जर्नल रखें जिसे आप डॉक्टर के साथ डिस्कस कर सकें
  • बेसिक हार्मोन टेस्ट करवाएं और ज़रूरत हो तो सप्लीमेंट्स पर चर्चा करें
  • लो-इंपैक्ट मूवमेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी डाइट पर विचार करें

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और फर्टिलिटी (Fertility) में अर्ली प्लानिंग क्यों मदद करती है

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के मामले में केवल इंतज़ार करना और उम्मीद करना कि सब अपने आप ठीक हो जाएगा — ज़्यादातर काम नहीं करता।
जितनी देर तक टिशू बिना ट्रीटमेंट के बढ़ता है, उतना ज़्यादा यह फर्टिलिटी को कॉम्प्लिकेट कर सकता है।
अर्ली प्लानिंग आपको ज़्यादा समय, ज़्यादा विकल्प, और अक्सर बेहतर रिज़ल्ट्स देती है।

प्लानिंग आपको मदद करती है:

  • अपनी फर्टिलिटी टाइमलाइन (Fertility Timeline) को समझने में
  • बाद में जल्दबाज़ी वाले फैसलों से बचने में
  • एक मज़बूत सपोर्ट सिस्टम के साथ आत्मविश्वास महसूस करने में

आपको यह स्पष्टता मिलने की पूरी हकदार हैं — इससे पहले कि दबाव बढ़े।
आज उठाए गए छोटे कदम आपको कल के बड़े सरप्राइज़ से बचा सकते हैं — और उस भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं जिसकी आप उम्मीद कर रही हैं।

“क्या आप अपनी फर्टिलिटी जर्नी शुरू करने की सोच रही हैं?
डॉ. अंशु अग्रवाल से कंसल्टेशन शेड्यूल करें — अपनी हेल्थ गोल्स डिस्कस करें और खुद के लिए एक पर्सनल केयर प्लान बनवाएं।”

कौन-से ट्रीटमेंट ऑप्शन(Treatment Options) एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और प्रेग्नेंसी में असरदार होते हैं?

कौन-से ट्रीटमेंट ऑप्शन(Treatment Options) एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और प्रेग्नेंसी में असरदार होते हैं?

अगर आप प्रेग्नेंसी की सोच रही हैं और साथ ही एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) को मैनेज कर रही हैं, तो ट्रीटमेंट ऑप्शन्स को जानना आपको एक सही दिशा दे सकता है।

अच्छी बात यह है कि सिर्फ एक ही रास्ता सही नहीं होता — ये इस पर निर्भर करता है कि आपके लक्षण (Symptoms) क्या हैं, आपके गोल्स क्या हैं, और आपका शरीर इलाज पर कैसे रिस्पॉन्ड करता है।

हॉर्मोनल ट्रीटमेंट और बर्थ कंट्रोल पिल्स (Hormonal Treatments and Birth Control Pills): कब फायदेमंद हैं?

अगर आप अभी प्रेग्नेंसी की कोशिश नहीं कर रही हैं, तो हॉर्मोनल थेरेपी अक्सर पहली सलाह होती है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स, पैचेस, या हॉर्मोनल IUDs ओव्यूलेशन (Ovulation) को सप्रेस करके और टिशू ग्रोथ को स्लो डाउन करके दर्द को कम कर सकते हैं।

ये लक्षणों से राहत के लिए तो अच्छे हैं — लेकिन अगर आप कंसीव करना चाह रही हैं, तो इन्हें छोड़ना पड़ता है।

ये तब मदद करते हैं जब:

  • हर महीने होने वाले दर्द और क्रैम्प्स को कम करना हो
  • एक्टिव डिजीज की प्रोग्रेशन को रोका जा सके
  • फ्यूचर फर्टिलिटी प्लान के दौरान कंट्रोल बनाए रखना हो

इन्हें स्किप करें जब:

  • आप जल्द ही कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हों
  • आपको साइड इफेक्ट्स या ब्रेकथ्रू पेन हो रहा हो
  • हॉर्मोन सप्रेशन से लक्षणों में राहत न मिल रही हो

क्या एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी इन्फर्टिलिटी (Endometriosis-Associated Infertility) के लिए सर्जरी ज़रूरी है?

सर्जरी हमेशा पहला स्टेप नहीं होता, लेकिन यह असरदार हो सकता है — खासकर जब लक्षण मीडियम हों और स्ट्रक्चरल कॉम्प्लिकेशन्स दिख रहे हों।

मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर्स से टिशू को हटाया या नष्ट किया जा सकता है, एनाटॉमी को बेहतर किया जा सकता है, और कुछ मामलों में कंसीव करने की संभावना भी बढ़ाई जा सकती है।
हालांकि, हर महिला को इसका एक जैसा फायदा नहीं मिलता।

सर्जरी पर विचार करें जब:

  • आपने दवाएं ट्राय की हों लेकिन कोई असर न हुआ हो
  • इमेजिंग में रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के पास टिशू दिखे
  • विज़िबल सिस्ट्स (Cysts), एड्हीजन (Adhesions), या ऑर्गन डिस्टॉर्शन हो

ध्यान देने वाली बातें:

  • सर्जरी में रिस्क और रिकवरी टाइम होता है
  • सर्जरी के बाद फर्टिलिटी में सुधार हमेशा नहीं होता
  • कुछ महिलाओं को समय के साथ एक से ज़्यादा सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है

इन्ट्रायूटेराइन इन्सेमिनेशन (Intrauterine Insemination – IUI) बनाम इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (In Vitro Fertilization – IVF): क्या ज्यादा असरदार है?

जब आप कंसीव करने के लिए तैयार होती हैं, तो असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक्स जैसे IUI और IVF विकल्प बन सकते हैं।

IUI एक कम इनवेसिव तरीका है, जिसमें ओव्यूलेशन के दौरान स्पर्म को डायरेक्ट यूटेरस में डाला जाता है। यह माइल्ड मामलों में या जहां टाइमिंग बड़ी चुनौती हो, वहां ज्यादा यूज़ होता है।

IVF थोड़ा ज़्यादा कॉम्प्लेक्स है लेकिन ज़्यादा असरदार भी — खासकर मॉडरेट से सीवियर एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के मामलों में। यह ट्यूबल प्रॉब्लम्स और एग-स्पर्म इंटरैक्शन जैसी बाधाओं को बायपास करता है।

IUI तब अच्छा ऑप्शन हो सकता है जब:

  • आपकी ट्यूब्स हेल्दी और ओपन हों
  • लक्षण मिनिमल हों
  • आप स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस से गुजरना चाहें

IVF बेहतर हो सकता है जब:

  • दूसरे ट्रीटमेंट्स काम न कर रहे हों
  • रिप्रोडक्टिव एनाटॉमी को डैमेज हुआ हो
  • टाइम एक फैक्टर हो या एग क्वालिटी की चिंता हो

सही ट्रीटमेंट का चुनाव जल्दबाज़ी नहीं — समझदारी का फैसला है।
अपने डॉक्टर से खुलकर बात करें, सभी विकल्पों को तौलें, और भरोसा रखें कि आपने जो पहल की है — वो आपके फर्टिलिटी जर्नी का एक मजबूत और सकारात्मक कदम है।

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और फर्टिलिटी (Fertility) पर डॉ. अंशु अग्रवाल की राय

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और फर्टिलिटी (Fertility) पर डॉ. अंशु अग्रवाल की राय

डॉ. अंशु अग्रवाल, रांची की एक जानी-मानी ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट हैं, जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और इन्फर्टिलिटी (Infertility) के मैनेजमेंट में विशेष अनुभव है।

18+ वर्षों के अनुभव, लैप्रोस्कोपिक प्रोसीजर्स में दक्षता और हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी के सफल देखभाल के साथ, वह हज़ारों महिलाओं को नेचुरली कंसीव करने में मदद कर चुकी हैं — अक्सर बिना IVF की ज़रूरत के।
उनका अप्रोच व्यावहारिक, पर्सनलाइज़्ड और बेहद समझदारी भरा होता है।

डॉ. अंशु अग्रवाल की एक्सपर्ट इनसाइट्स:

  • हर केस में अति-उपचार की ज़रूरत नहीं होती।
    कई बार पेन और सूजन को सिंपल तरीकों से मैनेज करने से महिलाएं बिना सीधे सर्जरी या IVF के भी शांति से प्रेग्नेंसी प्लान कर पाती हैं।
  • डिले डायग्नोसिस आज भी सबसे बड़ा चैलेंज है।
    कई महिलाएं सालों तक लक्षणों को “नॉर्मल” मानती रहती हैं। डॉ. अग्रवाल शुरुआती कंसल्टेशन की सलाह देती हैं — भले ही कंसीव करना आपका अभी का लक्ष्य न हो — ताकि फ्यूचर फर्टिलिटी को सुरक्षित रखा जा सके।
  • इमोशनल हेल्थ भी उतनी ही अहम है।
    जब क्रॉनिक पेन के साथ कंसीव को लेकर चिंता जुड़ जाती है, तो स्ट्रेस और बढ़ जाता है। डॉ. अग्रवाल काउंसलिंग और इमोशनल सपोर्ट को फर्टिलिटी केयर का जरूरी हिस्सा मानती हैं।
  • हर सर्जरी एक जैसी नहीं होती।
    वो अनावश्यक सर्जरी से बचने और टार्गेटेड लैप्रोस्कोपिक एक्सिज़न (Laparoscopic Excision) को प्राथमिकता देने पर ज़ोर देती हैं, जिससे ओवेरियन फंक्शन डैमेज न हो।
  • मिनिमल ट्रीटमेंट के बाद नेचुरल कंसेप्शन संभव है।
    अर्ली-स्टेज एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) वाली कई महिलाओं ने केवल पेन मैनेजमेंट और ओव्यूलेशन ट्रैकिंग के बाद टाइम्ड इंटरकोर्स से सफलतापूर्वक प्रेग्नेंसी पाई है — डॉ. अग्रवाल की देखरेख में।

"क्या आप किसी ऐसे डॉक्टर से जुड़ना चाहती हैं जो एंडोमेट्रियोसिस और इन्फर्टिलिटी को वाकई समझती हों?
डॉ. अंशु अग्रवाल की वेबसाइट पर जाएं, संपर्क करें और अपनी फर्टिलिटी जर्नी की शुरुआत आज ही करें।"

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. क्या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) होने के बावजूद आप फर्टाइल रह सकती हैं?
हाँ, बिल्कुल। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) होने के बावजूद कई महिलाएं हेल्दी प्रेग्नेंसी करती हैं — नेचुरली या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स की मदद से।
सिर्फ इस कंडीशन का होना यह नहीं बताता कि आप इन्फर्टाइल (Infertile) हैं।

फर्टिलिटी (Fertility) कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है: एंडोमेट्रियोसिस किस स्टेज पर है, टिशू कहाँ बढ़ रहा है, और आपके शरीर की ट्रीटमेंट पर कैसी प्रतिक्रिया है।
यहां तक कि माइल्ड लक्षणों वाली महिलाएं भी कंसीव करने में मुश्किलें झेल सकती हैं, जबकि कुछ एडवांस स्टेज पर भी बिना किसी परेशानी के प्रेग्नेंट हो जाती हैं।

2. क्या एंडोमेट्रियोसिस के कारण हुई इन्फर्टिलिटी (Infertility) का इलाज संभव है?
“Cure” शब्द हर केस के लिए सही नहीं है, लेकिन इसे अच्छी तरह मैनेज किया जा सकता है — और प्रेग्नेंसी पूरी तरह मुमकिन है।
सर्जरी, IVF, या हॉर्मोन थेरेपी जैसे ट्रीटमेंट्स से कई मामलों में फर्टिलिटी में सुधार होता है।

हालांकि, सक्सेस रेट अलग-अलग होती है। कुछ महिलाएं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) से बेहतर रिज़ल्ट पाती हैं, तो कुछ को कंसीव करने के लिए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (Assisted Reproductive Technologies) की ज़रूरत होती है। आपके शरीर के लिए जो बेहतर काम करे, वही रास्ता सही है।

3. एंडोमेट्रियोसिस फर्टिलिटी इंडेक्स (Endometriosis Fertility Index – EFI) क्या होता है?
EFI एक क्लीनिकल स्कोरिंग सिस्टम है जिसका उपयोग डॉक्टर यह अंदाज़ा लगाने के लिए करते हैं कि सर्जरी के बाद आपके प्रेग्नेंट होने की कितनी संभावना है।
यह आपकी उम्र, ओवेरियन हेल्थ, फॉलोपियन ट्यूब्स की स्थिति, और एंडोमेट्रियोसिस की गंभीरता को ध्यान में रखता है।

EFI स्कोर यह तय करने में मदद करता है कि आपको नेचुरल कोशिश करनी चाहिए, IUI का विकल्प लेना चाहिए या IVF पर विचार करना चाहिए। जितना ज़्यादा स्कोर, उतनी बेहतर नैचुरल कंसीव करने की संभावना।

4. क्या एंडोमेट्रियोसिस हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी होती है?
कभी-कभी — लेकिन हमेशा नहीं। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) प्रीटरम बर्थ या प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं का रिस्क बढ़ा सकता है, खासकर मॉडरेट से सीवियर मामलों में।

लेकिन अच्छी प्रीनेटल केयर के साथ बहुत-सी महिलाएं एकदम स्मूद और हेल्दी प्रेग्नेंसी करती हैं। क्लोज़ मॉनिटरिंग, अर्ली स्क्रीनिंग और सपोर्टिव OB-GYN टीम से काफी फ़र्क पड़ता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर आप ये सोच रही हैं कि क्या एंडोमेट्रियोसिस आपकी कंसीव करने की संभावना को प्रभावित कर सकता है — तो आप अकेली नहीं हैं, और आपके पास विकल्प ज़रूर हैं।
अपने लक्षणों को समझना, सही डायग्नोसिस कराना, और पहले से प्लान करना वाकई फ़र्क डालता है।

चाहे आप अपने साइकल को ट्रैक कर रही हों, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से बात कर रही हों, या IVF जैसे ट्रीटमेंट्स एक्सप्लोर कर रही हों — आपका हर कदम मायने रखता है।
हो सकता है यह सफर कभी-कभी अनिश्चित लगे, लेकिन यह कन्फ्यूजिंग नहीं होना चाहिए।

जिज्ञासु बनें, सक्रिय रहें — और सबसे ज़रूरी, ये जानें कि आपके लिए सपोर्ट मौजूद है। आप जवाब पाने, स्पष्टता महसूस करने, और अपने लिए सही रास्ता चुनने की पूरी हकदार हैं।

“आपके मन में सवाल हैं? उन्हें यूँ ही मत रहने दीजिए। डॉ. अंशु अग्रवाल से संपर्क करें और आत्मविश्वास के साथ अपनी फर्टिलिटी जर्नी की कमान खुद संभालें।”